Sunita gupta

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मौरबी का पुल हरिद्वार मे

हरिद्वार में मोरबी का पुल,
जिसे बहुत मज़बूत बताया था।
अजगर सा मुँह फैलाए,
वह मृत्यु बनकर आया था।

कालकवलित हो गए जो,
कभी न अब आएंगे वो।
मौत के उस पुल की भयावह रही कहानी,
जिनका नहीं गया कोई मुद्दे पर डाल रहे पानी।

सच है मृत्यु ज़ब आती है
आकर्षित कर पास बुलाती है।
नहीं देती कोई अवसर,
वह लेकर ही जाती है।

किन्तु मृत्यु को भी मजाक बना दिया है,
खींचते हैं फोटो संवेदना कहाँ है।
तू तू मैं मैं करते हैं,
सब अपना गाल बजाते।
सब सेंक रहे रोटियाँ,
खुद को निर्दोष बताते।

यह कैसा डरावना दिन है,
कैसी डरावनी रात।
बुझ गए मासूम अनगिनत घरों के चिराग,
इन निर्दयी श्वेत वस्त्रधारियों को शर्म नहीं आती है।
लाशों के ढेर पर अपनी दाल गलाते हैं।

सोशल मिडिया में भी रहा नहीं इमोशन,
अपनी टी आर पी के चक़्कर में
 वे भी करते हैं शोषण 

मौत में घिरे व्यक्ति को जाते नहीं बचाने,
माइक लगा हाल पूछते हैं क्या मर रहे हो दीवाने?
एक भी पलट के मार दे जो चाटा,
होश तभी आएगा,
 इन बेरहमों को भ्राता
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर 

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7 Comments

Mahendra Bhatt

04-Nov-2022 02:46 PM

बहुत खूब

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Pratikhya Priyadarshini

03-Nov-2022 11:55 PM

Nice 👍🌺💐

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Renu

03-Nov-2022 11:34 AM

👍👍🌺

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